जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी, हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल और भजनलाल की हरियाणा जन कांग्रेस, उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी, राजस्थान में बीएसपी और जनतादल, मध्यप्रदेश में उमा भारती की भारतीय जनशक्ति पार्टी, समाजवादी पार्टी और गोंडवाना पार्टियां, बिहार में राष्ट्रीय जनता दल, लोक जनशक्ति पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल, महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, रिपब्लिकन पार्टियां, आंध्रप्रदेश में तेलंगाना राष्ट्र समिति, तेलगू देशम, बीएसपी, प्रजा राज्यम पार्टी, उड़ीसा में बीजू जनता दल, सीपीएम, केरल में वाम मोर्चा, तमिलनाडु में डीएमके और अन्ना डीएमके, कर्नाटक में जनता दल सेकुलर, समाजवादी पार्टी, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में वाम मोर्चा और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस .... ये कुछ ऐसी पार्टियां हैं जो कांग्रेस और भाजपा की सीटें सवा सौ-सवा सौ से कम रहने पर तीसरे मोर्चे के बैनर तले एक जुट हो सकती हैं.
तीसरे मोर्चे यानी थर्ड फ्रंट की संभावनाएं और कहां-कहां किस-किस रूप में दिख रही हैं...इस बारे में आपके विचार आमंत्रित हैं
Monday, March 9, 2009
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